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मध्‍यप्रदेश शासन, जनसंपर्क विभाग,
(मंत्रालय, वल्‍लभ भवन, भोपाल)

क्रमांक एफ 4-113/2020/जसं/चौबीस
भोपाल, दिनांक 20/02/2020

न्‍यूज वेबसाइट/ न्‍यूज वेबपोर्टल पर विज्ञापन आदेश-2020

1

विवरण

2

परिभाषाएं

3

मूलधारणायें

4

यूनिक यूजर


क्रमांक‍ एफ 4-113/2020/जसं/चौबीस – विज्ञापन नियम-2007 यथा संशोधन नियम-2014 की कंडिका-37 (6) में निहित प्रावधान अनुसार राज्‍य शासन एतदद्वारा न्‍यूज वेबसाइट/ न्‍यूज वेबपोर्टल पर विज्ञापन के लिए निम्‍नानुसार नियम/मापदंड निर्धारित किये जाते है:-

राज्‍य शासन द्वारा सोशल/ डिजिटल प्रचार माध्‍यमों की उपयोगिता एवं आवश्‍यकता के परिप्रे‍क्ष्‍य में राज्‍य के भीतर और राज्‍य के बाहर से संचालित न्‍यूज वेबसाइट/ न्‍यूज वेबपोर्टल के लिए प्रदर्शन विज्ञापन आवश्‍यकता, उपयोगिता, अवसर और बजट की उपलब्‍धता के आधार पर स्‍वीकृत किये जाएंगे। मध्‍यप्रदेश के मूल निवासियों के द्वारा संचालित वेबसाइट को प्राथमिकता दी जाएगी। इस आदेश में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी किसी न्यूज़ वेबसाइट को शासकीय विज्ञापन प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं होगा।

  • (i) कुकीज़ (Cookies):- (कुकीज़ छोटी फाइलें होती हैं जो उपयोगकर्ता के कंप्यूटर पर संग्रहीत होती हैं। इन्‍हें वेब सर्वर या क्लाइंट कंप्यूटर द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।
  • (ii) सिक्योर सॉकेट्स लेयर (SSL):- सिक्‍योर सॉकेट्स लेयर और ट्रांसपोर्ट लेयर सिक्‍योरिटी सुरक्षा प्रोटोकॉल है, जो इंटरनेट या आंतरिक नेटवर्क पर काम करने वाली दो मशीनों के बीच एक सुरक्षित चैनल प्रदान करता है। जैसे- एक सर्वर एवं एक क्‍लाइंट के बीच इनक्रिप्‍टेड लिंक स्‍थापित करना ।
  • (iii) यूनिक यूजर:- यूनिक यूजर एक शब्द है जिसका उपयोग वेब एनालिटिक्स में किसी ऐसे व्यक्ति को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जो रिपोर्टिंग अवधि के भीतर कम से कम एक बार साइट पर जाता है।
  • (iv) रियली सिंपल सिंडिकेशन( RSS):- यह उन वेब फीड फार्मेट्स के संग्रहों एवं फाइलों को संदर्भित करता है, जो स्वचालित रूप से जानकारी को अपडेट करती हैं।
  • (v) गूगल एनालिटिक्‍स (Google Analytics):- Google Analytics एक डिजीटल एनालिटिक्‍स सॉफ्टवेयर या टूल है जो वेबसाइटों से जानकारी (ट्रैफिक आदि) एकत्र एवं विश्‍लेषण करने का कार्य करता है।
  • (vi) डोमेन नाम (Domain Name):- एक या अधिक आईपी पते की पहचान करने के लिए डोमेन नाम का उपयोग किया जाता है।
  • (vii) रिसपॉनसिव:- ्रदर्शन के लिए रिसपॉनसिव फार्मेंट एक ऐसा विज्ञापन फार्मेट है जो स्वचालित रूप से उपलब्ध विज्ञापन स्थानों को फिट करने के लिए अपने आकार, उपस्थिति और प्रारूप को समायोजित करता है।
  • (vii) परि‍वार:- परिवार में आवेदक की पत्नी / पति, जैसी भी स्थिति हो, अवयस्क बच्चें, अविवाहित पुत्रियां तथा आश्रित माता-पिता शामिल है।
उपरोक्‍त परिभाषाऍ संक्षेप में समझाने के लिए दी गयी हैं तथा भविष्‍य में समय-समय पर तकनीकी एवं डिजीटल क्षेत्र की सर्वमान्‍य व्‍याख्‍या, आवश्‍यकता अनुसार इन्‍हें प्रतिस्‍थापित करेंगे।

विज्ञापन देते समय निम्‍न मापदंडों को अपनाया जायेगा :-

  • (1):- न्‍यूज वेबसाइट के लिए विज्ञापन आवश्‍यकता/ उपयोगिता/ अवसर और बजट की उपलब्‍धता के आधार पर स्‍वीकृत किये जाएगें। विज्ञापन के लिए निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन जनसंपर्क संचालनालय को प्रस्‍तुत किया जाना आवश्‍यक होगा।
  • (2):- वेबसाइट पर विज्ञापन की स्वीकृति के लिए आवश्‍यक मूलधारणायें (क्रमांक 2.1 से 2.12 तक) जिन्‍हें समिति के द्वारा परीक्षण कर निर्णय लिया जायेगा, निम्‍नानुसार हैं-
  • (2.1):- आवेदन दिनांक की स्थिति में वेबसाइट का डोमेन कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए जो कि बीच में कभी भी बंद नहीं हुआ हो।
  • (2.2):- वेबसाइट पर एक साल की अवधि का डाटा उपलबध होना चाहिए। इससे समाचार एजेंसी के न्‍यूज पोर्टल मुक्‍त रहेंगें।
  • (2.3):- वेबसाइट पर मासिक यूनिक यूजर 5000 से कम नहीं होना चाहिए। यूजर से अभिप्राय गूगल एनालिटिक की रिपोर्ट में वर्णित एक माह की यूजर संख्‍या होगी।
  • (2.4):- वेबसाइट पर कुल कंटेन्‍ट का 50 प्रतिशत हिस्‍सा समाचार होना चाहिए। जिसका 50 प्रतिशत हिस्‍सा मध्‍यप्रदेश से संबंधित होना चाहिए।
  • (2.5):- वेबसाइट के पास एसएसएल (सेक्योर सॉकेट लेयर) सर्टिफिकेशन अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
  • (2.6):- मुख्य पेज पर संपादक का नाम और संपर्क सूत्र होना चाहिए। इसके अलावा ‘हमसे संपर्क करें’, ‘गोपनीयता नीति’ और ‘कुकीज नीति’ भी वेबसाइट पर उपलब्ध होना अनिवार्य है।
  • (2.7):- वेबसाइट को जनसंपर्क विभाग की वेबसाइट्स का R.S.S. फीड (रियल सिंपल सिंडिकेशन फीड) स्थापित करना अनिवार्य होगा।
  • (2.8):- वेबसाइट पर राष्ट्रविरोधी, असामाजिक और अश्लील सामग्री नहीं होनी चाहिए।
  • (2.9):- वेबसाइट्स जिस श्रेणी में पंजीकृत होगी उसे उस श्रेणी के लिए निर्धारित यूनिक उपयोगकर्ताओं की संख्या को बनाए रखना होगा अन्‍यथा जिस श्रेणी में पात्रता आयेगी उस श्रेणी अनुसार विज्ञापन की पात्रता होगी।
  • (2.10):- वेबसाइट पर mpinfo.org द्वारा जारी समस्‍त समाचार सतत रूप से अपलोड किया जाना आवश्‍यक होगा।
  • (2.11):- वेबसाइट प्रतिदिन 7:00 am से 10:00 pm के बीच हर 5 घंटे में रीफ्रेश/ अपडेटेशन किया जाना आवश्‍यक होगा।
  • (2.12):- समय-समय पर विभाग द्वारा वेबसाइट पर अचानक बढ़े ट्रैफिक के स्रोतों का सत्‍यापन किया जाएगा।

(3):- विज्ञापन देने के लिए न्यूनतम ‘'यूनिक यूजर’' के आधार पर वेबसाइट्स को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जायेगा :-

श्रेणी (क) 03 लाख से अधिक यूनिक यूजर प्रति माह रू. 1,00,000 30 दिनों के लिए
श्रेणी (ख) 01लाख से 03 लाख तक यूनिक यूजर प्रति माह रू. 60,000 30 दिनों के लिए
श्रेणी (ग) 50 हजार से 01 लाख यूनिक यूजर प्रति माह रू. 40,000 30 दिनों के लिए
श्रेणी (घ) 20 हजार से 50 हजार यूनिक यूजर प्रति माह रू. 25,000 30 दिनों के लिए
श्रेणी (ङ) 05 हजार से 20 हजार यूनिक यूजर प्रति माह रू. 15,000 30 दिनों के लिए

  • (4):- पात्रता की पूर्ति करने वाली न्‍यूज वेबसाइट को अवसर, उपयोगिता, आवश्‍यकता और बजट उपलब्‍धता के दृष्टिगत एक बार में रू 01 लाख तक की सीमा में वर्ष में अधिकतम 06 बार विज्ञापन स्‍वीकृति का अधिकार आयुक्‍त/ संचालक जनसंपर्क को होगा। इससे अधिक राशि के किसी भी प्रकार के विज्ञापन प्रस्‍ताव/ पैकेज को उन दरों पर जो उचित समझी जाये, विज्ञापन देने की पूर्ण शक्तियां राज्‍य शासन को होगी।
  • (5):- शासन की नीतियों के प्रचार-प्रसार को प्रोत्‍साहित करने वाली वेबसाइट को प्रोत्‍साहन स्‍वरूप अतिरिक्‍त विज्ञापन देने का अधिकार राज्‍य शासन को होगा। यह प्रोत्‍साहन विज्ञापन एक वेबसाइट को साल में अधिकतम तीन बार तक दिया जा सकेगा, जिसकी विज्ञापन राशि वेबसाइट की यूनिक यूजर श्रेणी के अनुसार होगी।
  • (6):- वेबसाइट सत्‍यापन हेतु आयुक्‍त/ संचालक के स्‍तर पर समिति गठित की जायेगी। यह समिति वेबसाइटों के विज्ञापन हेतु सत्‍यापन के उपरांत राज्‍य शासन/ आयुक्‍त जनसंपर्क विभाग के अनुमोदन के लिए प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करेगी। समिति की बैठक प्रत्‍येक माह आयोजित होगी।
  • (7) आवेदक को एक शपथ पत्र/ घोषणा पत्र प्रस्‍तुत करना होगा कि उसके द्वारा प्रस्‍तुत जानकरी का संपूर्ण उत्‍तरदायित्‍व स्‍वयं का होगा।
  • (8):- वेबसाइट को ऑनलाइन विज्ञापन देने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा तथा सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से वेबसाइट के पंजीयन से लेकर ऑनलाइन बिल जनरेशन सहित सभी प्रक्रियाएं पूरी की जायेगी।
  • (9):- विज्ञापनों को वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा।
  • (10):- विज्ञापन किसी भी मीडिया फॉर्मेट में दिया जाएगा जो कि रिसपॉनसिव भी होगा।
  • (11):- वेबसाइट मॉनिटरिंग सेल द्वारा प्रतिदिन के आधार पर जारी किये गये विज्ञापनों की समीक्षा की जाएगी। मॉनिटरिंग सेल के द्वारा इस संदर्भ में रिपोर्ट तैयार कर जनसंपर्क आयुक्‍त/ संचालक और संबंधित अधिकारियों को भेजी जाएगी।
  • (12):- समाचार पत्रों / पत्रिकाओं का वेब-आधारित प्रकाशन वेबसाइट पर विज्ञापन के लिए पात्र नहीं होंगे। साथ ही समाचार पत्र-पत्रिकाओं (ई-पेपर) या वेबसाइट में से कोई एक ही विज्ञापन के लिये पात्र होगा।
  • (13):- समय-समय पर एनालिटिक्‍स टूल और सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जाएगा।
  • (14):- शासन के किसी भी विभाग या शासन के स्‍वामित्‍व के निगम/ मंडल/ कंपनी/ सोसायटी/ कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्‍य वेबसाइट पर विज्ञापन प्राप्‍त करने के लिए पात्र नहीं होंगे।
  • (15):- वेबसाइट पर विज्ञापन परिवार के एक ही सदस्‍य को ही दिया जा सकता है- आवेदक को ऐसा शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा।
  • (16):- आयुक्‍त/ संचालक जनसंपर्क विभाग के पास किसी भी वेबसाइट पर विज्ञापन को स्‍वीकार करने या अस्‍वीकार करने, स्‍थायी / अस्‍थायी रूप से बंद करने का पूर्ण अधिकार होगा।
  • (17):- आयुक्‍त/ संचालक जनसंपर्क विभाग को वेबसाइट पर किसी भी कंटेंन्‍ट (सामग्री), असत्‍य एवं भ्रामक जानकारी की समीक्षा करने का पूर्ण अधिकार होगा।

(डॉ0 एच0 एल0 चौधरी)
अपर सचिव
मध्‍यप्रदेश शासन, जनसंपर्क विभाग

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